इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट देने के मामले में प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट दी जानी चाहिए थी। मगर बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा जारी विज्ञापन मेें आयुसीमा में छूट नहीं दी गई है। ऐसा नहीं करने से हजारों योग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए। शालिनी गंगवार और अन्य ने इस मामले में याचिका दाखिल की है जिस पर न्यायमूर्ति वीके शुक्ला ने प्रदेश सरकार और परिषद् से जवाब तलब किया है।
याची के अधिवक्ता वेदमणि तिवारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद् नियमावली 1981 के पैरा छह के अनुसार आयुसीमा में छूट दी जानी चाहिए थी। आठ अक्तूबर 2012 को जारी शासनादेश के अनुसार जो आवेदक पद रिक्त न होने के कारण आवेदन नहीं कर सके थे, उनकी आयु नियुक्ति की तिथि को पचास साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के समय इस आदेश का पालन किया गया। जूनियर हाईस्कूल में नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन में आयु सीमा में छूट न देने से हजारों अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो गए हैं
याची के अधिवक्ता वेदमणि तिवारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद् नियमावली 1981 के पैरा छह के अनुसार आयुसीमा में छूट दी जानी चाहिए थी। आठ अक्तूबर 2012 को जारी शासनादेश के अनुसार जो आवेदक पद रिक्त न होने के कारण आवेदन नहीं कर सके थे, उनकी आयु नियुक्ति की तिथि को पचास साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के समय इस आदेश का पालन किया गया। जूनियर हाईस्कूल में नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन में आयु सीमा में छूट न देने से हजारों अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो गए हैं
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